People's Anti-Fascist Front (PAFF): आतंकियों ने उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग से छह किलोमीटर दूर सेना के एक वाहन पर गुरुवार रात हमला बोला. हमले में दो कुलियों की मौत हो गई और तीन सैनिकों सहित चार लोग घायल हो गए थे. बाद में, घायल जवानों में से दो ने दम तोड़ दिया. हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है. यह आतंकी संगठन घाटी में हाल के कई हमलों में शामिल रहा है. इसी साल जनवरी में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत इसे प्रतिबंधित कर दिया था.
गुलमर्ग हमला: घात लगाकर बरसाईं गोलियां
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, आतंकवादियों ने शाम के समय बूटापथरी इलाके में सेना की गाड़ी पर तब गोलीबारी की जब वह अफरावत रेंज में नागिन चौकी की ओर जा रही थी. इलाके में अतिरिक्त सैनिकों को भेजा गया है. अधिकारियों ने बताया कि वाहन में सवार जवानों ने हमला होने पर जवाबी गोलीबारी की.
अधिकारियों ने कहा कि यह क्षेत्र पूरी तरह से सेना के कब्जे में है और अतीत में ऐसी खबरें हैं कि एक आतंकवादी समूह ने गर्मियों की शुरुआत में घुसपैठ की थी और यह अफरावत रेंज के ऊंचे इलाकों में छिपा था. बूटापथरी क्षेत्र को हाल ही में पर्यटकों के लिए खोला गया था.
क्या है पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF)?
पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट या PAFF पाकिस्तान से चलने वाला आतंकी संगठन है. यह मौलाना मसूद अजहर की कमान वाले जैश-ए-मोहम्मद का प्रॉक्सी है. पीएएफएफ 2019 में जैश-ए-मोहम्मद के एक छद्म संगठन के रूप में उभरा. PAFF कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है. इसने भारतीय सुरक्षा बलों, राजनीतिक नेताओं, जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों के नागरिकों को धमकियां दी हैं.
कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के चलते, जनवरी में गृह मंत्रालय (MHA) ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत PAFF को प्रतिबंधित कर दिया था. यह यूएपीए के तहत प्रथम अनुसूची की क्रम संख्या 6 में सूचीबद्ध एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है.
PAFF के आतंकवादी अपने हमलों को फिल्माने के लिए बॉडी कैमरा का इस्तेमाल करते हैं. फिर वे इन फिल्मों का इस्तेमाल प्रचार के लिए करते हैं. इस साल अप्रैल में PAFF ने पुंछ में भारतीय सेना के एक ट्रक पर हमला किया और उसका वीडियो भी बनाया.
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घाटी में इस हफ्ते चौथा आतंकी हमला
यह इस सप्ताह घाटी में चौथा आतंकवादी हमला है. चार दिन पहले आतंकवादियों ने मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में सोनमर्ग टूरिस्ट रिसॉर्ट के पास गगनगीर में एपीसीओ इंफ्राटेक के कैंपसाइट पर हमला करके एक स्थानीय डॉक्टर सहित सात कर्मचारियों की हत्या कर दी थी. कर्मचारी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण Z-मोड़ सुरंग को बना रही टीम का हिस्सा थे.
18 अक्टूबर को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के जैनापोरा गांव में आतंकवादियों ने एक नॉन-लोकल मजदूर की हत्या कर दी थी. और, गुरुवार की सुबह, दक्षिण कश्मीर के त्राल के बटागुंड गांव में आतंकवादियों ने एक किशोर गैर-स्थानीय मजदूर को गोली मारकर घायल कर दिया. (एजेंसी इनपुट्स)
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